चंद्रयान-3 है क्या ? - What is chandrayaan-3
'चांद्रयान-3' अंतरिक्ष यान में विभिन्न उपकरण होंगे, जो चंद्रमा पर निगमन, सर्वेक्षण और 'वैज्ञानिक' अनुसंधान करने में मदद करेंगे। इसमें उपकरणों की सूची में शामिल होंगे: चंद्रविना, जो सतह की विशेषताओं का अध्ययन करेगा; प्रणाली संचालन और सूचना (ओएसआई) सेंटर, जो यान के इंजनियरिंग सिस्टम का प्रबंधन करेगा; निर्देशक संचालन केंद्र (डीसी) जो यान को नियंत्रित करेगा; और यात्री मानव मॉड्यूल, जो चंद्रमा पर यात्रा करने वाले वैज्ञानिकों को सुरक्षित रखेगा।
चांद्रयान-3 का प्रमुख लक्ष्य :- 'चंद्रमा' की सतह पर पानी और ओटियनिक तत्वों की खोज करना है। चंद्रमा पर पानी और ओटियनिक तत्वों की उपस्थिति का पता लगाना 'वैज्ञानिकों' के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे मानव बास्तविकता के लिए महत्वपूर्ण विकल्प सामने आ सकते हैं। इसके अलावा, 'चांद्रयान-3' (chandrayaan-3) मानवीय पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में आवश्यक जानकारी जुटाने का भी प्रयास करेगा।
चांद्रयान-3 के माध्यम से यह उम्मीद की जाती है :- कि 'चंद्रमा पर पानी' की मौजूदगी, उसकी एकत्रिति और विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों की खोज की जा सकेगी। इससे चंद्रमा पर मानवीय बस्तविकता की संभावनाएं और आगामी अंतरिक्ष मिशनों के लिए उपयोगी जानकारी मिलेगी। 'चांद्रयान-3' (chandrayaan-3) यान की वैज्ञानिक खोजें 'भारतीय वैज्ञानिक' समुदाय को गर्व महसूस कराती हैं और देश के वैज्ञानिक विकास को एक नई ऊँचाई प्रदान करती हैं।
चांद्रयान-3 मिशन भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति को प्रतिष्ठानित करेगा। यह मिशन 'देश के वैज्ञानिको' अभियांत्रिकों, और अंतरिक्ष यात्राओं के लिए नए संभावित द्वार खोलेगा। चांद्रयान-3 (chandrayaan-3) के सफलतापूर्वक पूर्ण होने से 'भारत' वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के साथ उच्चतम स्तर पर साझा सुविधाएं और सहयोग कर सकेगा। इस मिशन के माध्यम से भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नई पहचान बनाएगा और उदाहरण स्थापित करेगा कि वह 'वैज्ञानिक और तकनीकी' दक्षता में विश्वस्तरीय कंपनियों के साथ मुकाबला कर सकता है।
'लॉन्चिंग सफल'
'इसरो' के मुताबिक 'चंद्रयान-3' पृथ्वी की निर्धारित कक्षा में पहुंच गया है जहां से वो चांद की कक्षा की ओर प्रस्थान करेगा.
सोमनाथ ने कहा, ''एएलवीएम3-एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है.
इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 की गतिविधि पूरी तरह से सामान्य है और वो उसे चांद की सतह पर देखने की प्रतीक्षा में हैं.
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)



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